राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और उदयपुर के बीच स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय केंद्र भी है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के सांवले रूप को समर्पित है और इसे “काले धन के देवता” के रूप में भी जाना जाता है। यहां भक्तगण अपनी श्रद्धा के साथ धन और दान अर्पित करते हैं, जिससे यह मंदिर भक्ति और समृद्धि का प्रतीक बन चुका है।
मंदिर का इतिहास
कहा जाता है कि श्री सांवलिया सेठ की मूर्ति 1840 के दशक में गंगरार गांव के पास बागुंड और मण्डफिया के बीच पाई गई थी। ग्रामीणों को स्वप्न में भगवान श्रीकृष्ण ने दर्शन देकर मूर्ति का स्थान बताया। जब खुदाई की गई, तो तीन मूर्तियां प्राप्त हुईं। इनमें से एक मूर्ति मण्डफिया, दूसरी बागुंड और तीसरी चित्तौड़गढ़ के पास स्थित चौरासी नामक स्थान पर स्थापित की गई।
मण्डफिया में स्थित मंदिर को “श्री सांवलिया सेठ मंदिर” के नाम से जाना जाता है। यह स्थान भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
मंदिर की विशेषता
श्री सांवलिया सेठ मंदिर की वास्तुकला बेहद भव्य है। संगमरमर और नक्काशीदार पत्थरों से बना यह मंदिर राजस्थानी संस्कृति और कला का अद्भुत नमूना है। मंदिर परिसर में भगवान श्रीकृष्ण की आकर्षक मूर्ति है, जिसे भक्तगण “सांवलिया सेठ” कहकर पुकारते हैं।
यहां का माहौल बेहद शांत और आध्यात्मिक है। भक्तगण यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। यह भी मान्यता है कि सांवलिया सेठ को सच्चे मन से याद करने पर आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में समृद्धि आती है।
सांवलिया सेठ मंदिर में विशेष आयोजन
मंदिर में हर साल जन्माष्टमी, एकादशी, और अन्य प्रमुख त्योहारों पर बड़े धूमधाम से उत्सव मनाए जाते हैं। इन दिनों मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है, और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। खासकर जन्माष्टमी के दिन यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।
कैसे पहुंचे?
श्री सांवलिया सेठ मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। यह उदयपुर से लगभग 70 किलोमीटर और चित्तौड़गढ़ से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
निष्कर्ष
श्री सांवलिया सेठ मंदिर आस्था, श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम है। राजस्थान की इस पवित्र भूमि पर आकर न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि भक्तगण अपनी समस्याओं का समाधान भी पाते हैं। अगर आप राजस्थान घूमने जा रहे हैं, तो इस दिव्य स्थान पर अवश्य जाएं और सांवलिया सेठ के दर्शन करके अपने जीवन को सुख और समृद्धि से भरें।