राजस्थान के राजसमंद और पाली जिले की सीमा पर स्थित देसूरी नाल के पंजाब मोड़ पर मंगलवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हुआ। प्रयागराज के महाकुंभ स्नान से लौट रहे 46 श्रद्धालुओं से भरी यात्री बस अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें 21 लोग घायल हुए। तीन यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनमें एक 10 वर्षीय बच्चे का हाथ टूट गया है ।
घटना का विवरण
दुर्घटना 11-12 फरवरी की मध्यरात्रि करीब 1:30 बजे हुई। बस राजसमंद से पाली जिले के सांडेराव गांव की ओर जा रही थी, जहां यात्रियों के पैतृक घर स्थित हैं। ये सभी श्रद्धालु गुजरात के अहमदाबाद में रहते हैं और महाकुंभ के बाद सीधे गांव जा रहे थे। ढलान वाले रास्ते पर बस के ब्रेक फेल होने के कारण यह पंजाब मोड़ पर पलट गई। यात्रियों ने बताया कि बस में अजीब आवाजें आ रही थीं और ड्राइवर ब्रेक नियंत्रण खो बैठा ।
राहत और बचाव अभियान
घटना के बाद चारभुजा थाना प्रभारी प्रीति रत्नू और स्थानीय पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 108 एम्बुलेंस और निजी वाहनों की मदद से घायलों को गढ़बोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को आरके जिला चिकित्सालय में रेफर किया गया। गंभीर रूप से घायल एक युवक को उदयपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया । पुलिस ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त बस को हटाकर यातायात व्यवस्था 1.5 घंटे में बहाल की ।
ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र
देसूरी नाल का यह मोड़ पहले भी कई घातक हादसों का गवाह रहा है। सितंबर 2007 में यहां 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जब एक ट्रॉली खाई में गिर गई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार ने इस खतरनाक मार्ग पर सुरक्षा उपायों को गंभीरता से नहीं लिया है ।
प्रतिक्रियाएं और जांच
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। चारभुजा थाना प्रभारी ने बताया कि बस में सवार सभी यात्री एक ही परिवार से जुड़े थे। हादसे के बाद प्रशासन ने सड़क सुरक्षा नीतियों की समीक्षा और दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों में बैरियर की गुणवत्ता जांचने का आश्वासन दिया है ।
निष्कर्ष
यह हादसा राजस्थान के खतरनाक सड़क मार्गों और सुरक्षा उपायों में ढील की ओर इशारा करता है। सरकार को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में तत्काल कार्यवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।