बूंदी जिले के बसोली थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। मांडलगढ़ थाना प्रभारी घनश्याम मीणा ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले की एक युवती के ममेरे भाई से अवैध संबंध बन गए थे। इस संबंध के चलते युवती गर्भवती हो गई। चार माह बाद जब युवती के माता-पिता को इस बात का पता चला, तो उनका होश उड़ गया और बदनामी के डर से वे अपने घर से निकलकर बसोली गांव में रहने लगे।
बसोली में नाम बदलकर लिया कमरा, मजदूरी करने लगे
बूंदी जिले के बसोली थाना क्षेत्र के गांव में युवती और उसके ममेरे भाई ने अपना नाम बदलकर किराए का कमरा लिया और मजदूरी करने लगे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों और घर के मालिक को बताया कि उनके बीच अनबन चल रही है और ममेरे भाई ने युवती को छोड़ दिया है।
युवती ने गर्भपात करने का प्रयास भी किया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। 4 सितंबर को प्रसव पीड़ा के दौरान युवती को बूंदी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने बेटे को जन्म दिया। जन्म के बाद वे नवजात के साथ वापस बसोली गांव लौट आए।
नवजात की हत्या का डरावना कदम
23 सितंबर को युवती और उसका ममेरे भाई यह कहकर गांव से निकले कि वे अब घर जा रहे हैं। इसके बाद सीता कुंड पहुंचे और सुनसान जगह पर नवजात के मुंह में पत्थर ठूंसकर, फेविक्विक से होंठ चिपका कर, बच्चे को पत्थरों के नीचे दबा दिया और वहां से फरार हो गए। घटना के बाद वे सभी वित्तौड़गढ़ जिले के अपने मूल गांव चले गए।
पुलिस जांच और डीएनए टेस्ट
घटना में बिजौलियां पुलिस थाने के कांस्टेबल सुरेश मीणा को अहम सुराग मिले, जिससे जांच में गति आई। मांडलगढ़ थाना प्रभारी घनश्याम मीणा ने बताया कि आरोपी युवती और नवजात का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इस टेस्ट के बाद ही पूरे मामले का पूर्ण खुलासा संभव होगा।
यह मामला ना सिर्फ बूंदी जिले में बल्कि पूरे चित्तौड़गढ़ और वित्तौड़गढ़ जिलों में सनसनी मचा गया है। पुलिस की तेज़ कार्रवाई और डीएनए टेस्ट के नतीजों से ही समाज को इस दर्दनाक घटना की पूरी सच्चाई का पता चलेगा।