राजसमंद। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी आईएएस अरुण कुमार हसीजा ने मंगलवार को राजसमंद जिले के नए जिला कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाल लिया। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजसमंद उनके लिए नया नहीं है, बल्कि यह जिला उनकी प्रशासनिक यात्रा का शुरुआती आधार रहा है। ऐसे में जिले की जरूरतों, चुनौतियों और संभावनाओं को वे भलीभांति समझते हैं।
चित्तौड़गढ़ से हैं मूल निवासी
आईएएस हसीजा मूलतः चित्तौड़गढ़ जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पहचान एक संवेदनशील और अनुभवी अधिकारी के रूप में रही है। 2 सितंबर 1969 को जन्मे हसीजा पहले भी राजसमंद जिले में विभिन्न जिम्मेदारियों पर काम कर चुके हैं, जिससे उन्हें क्षेत्र की सामाजिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक विशेषताओं की गहरी जानकारी है।
पहले भी निभा चुके हैं कई अहम जिम्मेदारियां
राजसमंद जिले से ही अपने प्रशासनिक जीवन की शुरुआत करने वाले हसीजा ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
- 29 दिसंबर 1998 से 23 मार्च 1999 तक वे राजसमंद में सहायक कलेक्टर के रूप में नियुक्त रहे।
- 24 फरवरी 1998 से 23 मार्च 1999 तक उन्होंने खमनोर पंचायत समिति के विकास अधिकारी की जिम्मेदारी निभाई।
- इसके बाद 21 जुलाई 2001 से 29 सितंबर 2003 तक वे नाथद्वारा में उपखंड अधिकारी रहे।
- 27 सितंबर 2003 से 30 जनवरी 2004 तक उन्होंने राजसमंद में डीपीआईपी प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में गरीबी उन्मूलन योजना पर कार्य किया।
इन अनुभवों ने उन्हें जिले की भौगोलिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और औद्योगिक पहचान से जोड़ दिया है।
“नीतियों को धरातल पर तेज़ी से लागू करेंगे” – अरुण कुमार हसीजा
कार्यभार संभालने के बाद हसीजा ने कहा, “राजसमंद मेरी कार्यशैली और प्रशासनिक सोच से जुड़ा हुआ जिला है। यहाँ की ज़मीन, लोग और संसाधन मुझे परिचित हैं। सरकार की योजनाओं को स्थानीय ज़रूरतों के अनुरूप तेज़ी से लागू करना मेरी प्राथमिकता होगी।” उन्होंने आगे कहा कि वे जनता से संवाद, पारदर्शिता और समाधान पर आधारित प्रशासन सुनिश्चित करेंगे।
जिले को मिलेगी अनुभवी नेतृत्व की दिशा
अरुण कुमार हसीजा के रूप में राजसमंद को एक ऐसा कलेक्टर मिला है, जो न केवल जिले को गहराई से समझते हैं, बल्कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी उन्होंने स्थानीय स्तर पर वर्षों तक सेवा दी है। इससे संभावना है कि जिले में नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन, जनसुनवाई में सुधार, और विकास कार्यों में तेजी देखने को मिलेगी।
निष्कर्ष
आईएएस अरुण कुमार हसीजा का राजसमंद कलेक्टर बनना जिले के लिए सकारात्मक संकेत है। पहले भी इस जिले में सेवा दे चुके हसीजा न केवल प्रशासनिक अनुभव रखते हैं, बल्कि राजसमंद की ऐतिहासिक, धार्मिक और औद्योगिक विशेषताओं से भी परिचित हैं। उनके नेतृत्व में सरकार की योजनाओं को तेज़ी से धरातल पर उतारने की उम्मीद की जा रही है। जनता से संवाद और पारदर्शी प्रशासन उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा। इससे जिले को विकास की नई दिशा मिलने की संभावना है।