भारत सरकार और राज्य सरकारें जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और आसान बनाने के लिए लगातार नए नियम लागू कर रही हैं। वर्ष 2025 में जमीन रजिस्ट्री से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम बदल गए हैं, जो संपत्ति खरीदारों और मालिकों के लिए क्रांतिकारी साबित होंगे। अगर आप भी जमीन या प्लॉट की रजिस्ट्री कराने की योजना बना रहे हैं, तो इन 4 नए नियमों को जरूर समझ लें।
1. डिजिटल रजिस्ट्री प्रक्रिया अनिवार्य
2025 से सभी जमीन रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। अब आपको रजिस्ट्री ऑफिस में लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी।
- कैसे काम करेगा?
- राज्य सरकारों के भू-रिकॉर्ड पोर्टल (जैसे UP का भुआल, महाराष्ट्र का महाभूमि) पर संपत्ति का विवरण दर्ज करें।
- ई-साइन और ई-पेमेंट के जरिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें।
- डिजिटल रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट सीधे आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर भेजे जाएंगे।
2. बायोमेट्रिक सत्यापन की अनिवार्यता
रजिस्ट्री के दौरान आधार-आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अब सभी राज्यों में लागू होगा। इससे बेनामी लेनदेन और फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।
- नए नियम के अनुसार:
- विक्रेता और खरीदार दोनों को रजिस्ट्री के समय बायोमेट्रिक स्कैन (फिंगरप्रिंट/आईरिस) देना होगा।
- अगर संपत्ति संयुक्त स्वामित्व में है, तो सभी मालिकों का बायोमेट्रिक सत्यापन जरूरी है।
3. स्टांप ड्यूटी में एकरूपता
अलग-अलग राज्यों में स्टांप ड्यूटी की दरों में भारी अंतर होता था, लेकिन 2025 से केंद्र सरकार ने इसे यूनिफॉर्म स्टांप ड्यूटी रेट लागू करने का फैसला किया है।
- फायदे:
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्टांप ड्यूटी का अंतर खत्म।
- संपत्ति की मार्केट वैल्यू के आधार पर दरें तय होंगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
4. आधार और पैन कार्ड का अनिवार्य लिंकेज
2025 से जमीन रजिस्ट्री के लिए आधार और पैन कार्ड को लिंक करना अनिवार्य होगा। यह कदम काले धन और टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया गया है।
- ध्यान रखें:
- अगर खरीदार या विक्रेता NRI है, तो उन्हें पैन कार्ड के साथ विदेशी नागरिकता का प्रमाण देना होगा।
- संपत्ति के सभी कागजात आधार नंबर से जुड़ेंगे, जिससे भविष्य में विवाद होने पर स्वामित्व साबित करना आसान होगा।
नए नियमों के लाभ
- कम समय: डिजिटल प्रक्रिया से रजिस्ट्री 2-3 दिनों में पूरी होगी।
- कम धोखाधड़ी: बायोमेट्रिक सिस्टम से फर्जी दस्तावेजों पर रोक।
- पारदर्शिता: सभी डेटा ऑनलाइन उपलब्ध होगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म।
2025 में रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी।
- संपत्ति का मूल स्वामित्व दस्तावेज (खसरा/खतौनी)।
- बिक्री करारनामा (स्टांप पेपर पर)।
- नवीनतम टैक्स रसीद।
निष्कर्ष:
2025 में जमीन रजिस्ट्री के नए नियम नागरिकों के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित हैं। डिजिटल प्रक्रिया और बायोमेट्रिक सत्यापन से पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं आधार-पैन लिंकेज से संपत्ति धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा। अगर आप भी संपत्ति लेन-देन की योजना बना रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करके स्मूद रजिस्ट्री प्रक्रिया का लाभ उठाएं।